Hartalika Vrat 2024: tithi katha, pooja vidhi


हरतालिका व्रत 2024: तिथि, कथा, पूजा विधि, और महत्व 


हरतालिका व्रत हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है जिसे विशेष रूप से महिलाएं श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाती हैं। इस व्रत का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के माध्यम से सुख, समृद्धि, और वैवाहिक जीवन की लंबी उम्र की कामना करना है।  इस ब्लॉग में हम हरतालिका व्रत या हरताली तीज के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। 


हरतालिका व्रत 2024 तिथि 


हरतालिका व्रत 2024 में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाएगा। इस वर्ष यह तिथि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे "हरतालिका तीज" के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत 2024 में 6 सितंबर को पड़ रहा है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और कुंवारी कन्याएं मनवांछित वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत का पालन करती हैं।  


हरतालिका तीज कथा 


हरतालिका तीज की कथा अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे व्रत के दौरान सुनना अनिवार्य माना जाता है। कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। जब उनके पिता राजा हिमालय ने उनका विवाह भगवान विष्णु से तय कर दिया, तो माता पार्वती की सखी उन्हें हरण कर घने जंगल में ले गईं। वहां माता पार्वती ने भगवान शिव की आराधना की और अंततः भगवान शिव ने प्रसन्न होकर उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस कथा को सुनने से व्रतधारियों को माता पार्वती और भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।  हरतालिका व्रत का महत्व हरतालिका व्रत का हिन्दू धर्म में अत्यधिक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह व्रत विवाहित महिलाओं के लिए उनके पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन की समृद्धि के लिए किया जाता है। कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत का पालन करती हैं ताकि उन्हें मनचाहा वर मिल सके। इस व्रत से वैवाहिक जीवन में प्रेम, समर्पण, और विश्वास को मजबूती मिलती है, और इसे संतान प्राप्ति के लिए भी विशेष रूप से शुभ माना जाता है।  


हरतालिका पूजा विधि 


हरतालिका व्रत की पूजा विधि विशेष होती है और इसे सही ढंग से करने पर ही इसका पूर्ण फल प्राप्त होता है। 


आइए जानते हैं पूजा विधि के मुख्य चरण:


संकल्प:


सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें ।भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीरों के सामने हाथ में जल, पुष्प और चावल लेकर व्रत का संकल्प ले।   


मूर्ति स्थापना: 


भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की बालू(रेत) और मिट्टी की मूर्तियों को बनावे व एक स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें। 


पूजा सामग्री: 


पूजा के लिए फल, फूल, बेलपत्र, धतूरा, गंगाजल, रोली, मौली, जनेऊ, कुमकुम, चंदन, धूप, दीप, अक्षत, पान, सुपारी, नारियल, मिठाई, आदि की आवश्यकता होती है।


पूजा विधि:


सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें।  फिर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें, और उन्हें फूल, बेलपत्र, और धतूरा अर्पित करें। हरतालिका व्रत की कथा का पाठ करें। कथा सुनने के बाद 16 दीपकों से आरती करें और अंत में कर्पूर की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।


जागरण और कथा: 


रात में जागरण करते हुए हरतालिका व्रत की कथा का पाठ करें। कथा सुनने के बाद आरती करें।


शिव-पार्वती व्रत कथा


हरतालिका तीज का व्रत मुख्य रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की व्रत कथा पर आधारित है। इस कथा में माता पार्वती के समर्पण, तपस्या, और भगवान शिव के प्रति उनकी अटूट भक्ति का वर्णन किया गया है। यह कथा व्रतधारियों को वैवाहिक जीवन में समर्पण और धैर्य का महत्व सिखाती है।


हरतालिका तीज के फायदे


हरतालिका तीज के कई धार्मिक और आध्यात्मिक फायदे हैं। इस व्रत से पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास बढ़ता है। इसे संतान प्राप्ति और परिवार की समृद्धि के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है। कुंवारी कन्याओं के लिए यह व्रत आदर्श वर की प्राप्ति के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है।कुंवारी कन्याओं के लिए हरतालिका व्रतकुंवारी कन्याएं इस व्रत को मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए करती हैं। यह व्रत माता पार्वती के भगवान शिव के प्रति अटूट प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से कन्याओं को उनकी इच्छा के अनुसार योग्य वर प्राप्त होता है।


विवाहित महिलाओं के लिए हरतालिका तीज 


विवाहित महिलाओं के लिए हरतालिका तीज व्रत उनके पति की लंबी आयु, परिवार की समृद्धि और वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए किया जाता है। यह व्रत वैवाहिक जीवन में प्रेम और विश्वास को बढ़ाने में सहायक होता है।हरतालिका व्रत कथा PDF अगर आप हरतालिका व्रत कथा को PDF रूप में डाउनलोड करना चाहते हैं, तो इंटरनेट पर कई साइट्स हैं जहां से आप इसे प्राप्त कर सकते हैं। व्रत कथा का PDF स्वरूप आपको कहीं भी और कभी भी कथा पढ़ने की सुविधा देता है।  


हरतालिका तीज पर क्या करें और क्या न करें:

हरतालिका तीज पर कुछ विशेष बातें ध्यान में रखनी चाहिए:


क्या करें: 


व्रत का पालन श्रद्धा और नियम से करें, पूजा विधि का पालन करें, और कथा सुनें।


क्या न करें: 


व्रत के दौरान जल भी ग्रहण न करें (निर्जला व्रत), किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन का सेवन न करें, और व्रत का उल्लंघन न करें।


निष्कर्ष


यह व्रत सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए हरतालिका तीज व्रत बहुत शुभ माना जाता है स्त्रियां इसे बहुत ही खुशी, उल्लास और श्रद्धा के साथ करती है। ईश्वर भक्त की भावना को देखते है, हरतालिका व्रत एक अद्वितीय पर्व है जो हिन्दू धर्म में महिलाओं के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। भगवान शिव और माता पार्वती के प्रति समर्पित इस व्रत को करने से न केवल धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त होते हैं।  


इस व्रत को अपनी शारीरिक सामर्थ्य के अनुसार ही करें, गर्भिणी, अस्वस्थ, वृद्ध महिलाए फल आहार के साथ भी कर सकती है। ईश्वर भक्ति में भक्त की भावना ही सर्वोपरि होती है।


इस व्रत को पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ करने से आपके जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और संतोष की प्राप्ति होती है। अगर आप भी हरतालिका व्रत कर रहे हैं, तो इसे सही विधि से करें और भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करें।


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