Nepal Plane Crash नेपाल हादसा कैसे हुआ? काठमांडू हवाई अड्डे पर विमान दुर्घटनाग्रस्त नेपाल के काठमांडू में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे TIA और एक घातक विमान दुर्घटना हुई है विमान एयरलाइन के तकनीकी कर्मचारियों को लेकर जा रहा था उसमें 19 यात्री सवार थे। यह दुर्घटना काठमांडू से पोखरा के लिए उड़ान भरने के दौरान हुई।
आज बुधवार 24/ 7 /24 को सुबह 11 बजकर 11 मिनिट पर नेपाल में एक बहुत बड़ी दुर्घटना हो गई। एक प्राइवेट एयरलाइन का प्लेन क्रैश हो गया, जिसमें 18 व्यक्तियों की जान चली गई। त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से यह फ्लाइट उड़ान भरने के तुरंत बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। प्लेन टेक ऑफ करते ही जमीन से टकराया और उसमें आग लग गई। जिसमें एक छोटे बच्चों समेत 18 लोगों की मौत हो गई। प्लेन पहले हवा में कागज की तरह लहराया फिर जमीन से टकराकर आग का गोला बन गया। यह विमान 19 लोगों को लेकर पोखरा जा रहा था। सूर्या एयरलाइंस का यह एक घरेलू विमान था। सूर्य एयरलाइंस का यह विमान दो चालक दल के सदस्यों और एयरलाइन के तकनीकी कर्मचारियों समेत 19 लोगों को लेकर रेगुलर मेंटेनेंस सर्विस के लिए पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जा रहा था। इसके विमान के पायलट श्री शाक्य अभी घायल है, अस्पताल में भर्ती है और खतरे से बाहर बताए जा रहे है।
नेपाल प्लेन क्रैश में एक क्रू मेंबर मनुराज शर्मा के साथ उनकी पत्नी त्रिजा और 4 साल के बेटे की भी जान चली गई है।
बताया जा रहा है कि टेक ऑफ करते ही एक विंग का एक हिस्सा जमीन से टकरा गया और एयरक्राफ्ट पलट कर खाई में जा गिरा। और फिर भयंकर आग के कारण धुआं धुआं उठ गया ।
विमान दुर्घटना के प्रमुख कारण
👉त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रमुख जगन्नाथ के मुताबिक काठमांडू से पोखरा के लिए उड़ान भरने वाला विमान गलत दिशा में मुड़ गया था।
👉नेपाल की सिविल एविएशन अथॉरिटी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया। विमान रनवे के दक्षिणी छोर (रनवे 02) से उड़ान भरने की तैयारी कर रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विमान अचानक फिसल गया और रनवे के पूर्वी हिस्से में खाई में गिर गया, जिससे उसमें आग लग गई। रनवे नंबर दो से उड़ान भरने के तुरंत बाद विमान दाएं और मुड़ गया रनवे के पूर्वी हिस्से में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
👉सूत्रों के अनुसार एविएशन सेक्टर की खराब स्थिति के लिए नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (CAAN The Civil Aviation Authority of Nepal) की खराब लीडरशिप जिम्मेदार है
👉एयरपोर्ट पूर्ण रूप से तैयार नहीं था लेकिन फिर भी उसे चालू कर दिया
👉बुधवार को यह हादसा CAAN के लापरवाह रवैए के कारण हुआ, सरकार जानती है फिर भी ऐसा हो रहा है।
👉काठमांडू में बारिश का मौसम है लेकिन दुर्घटना के समय बारिश नहीं हो रही थी और पूरी राजधानी में विजिबिलिटी कम थी।
👉पोखरा एयरपोर्ट चालू दिखाने के लिए गैर जरूरी फ्लाइट को भी हवाई अड्डे की ओर मोड़ दिया जाता है।
आज जिस त्रिभुवन एयरपोर्ट पर या हादसा हुआ है उसके परिसर में एक टेबल टॉप रनवे है किसी पत्थर या पहाड़ी के ऊपर बने रनवे को टेबल टॉप रनवे कहते हैं।
टेबल टॉप रनवे भूगोल की वजह से एक या दो तरफ से किसी खड़ी चट्टान से सटे होते हैं। मतलब कि रनवे की एक या एक से ज्यादा तरफ ज्यादा ढलान होती है इससे पायलट के लिए चूक की गुंजाइश बहुत कम बच जाती है क्योंकि अगर फ्लाइट रनवे से आगे निकल गई तो क्रैश की पुरी संभावना होती है। आज हुई दुर्घटना भी इसी प्रकार की बताई जा रही है।
टेबल टॉप रनवे Table Top Runway
आज जिस त्रिभुवन एयरपोर्ट पर या हादसा हुआ है उसके परिसर में एक टेबल टॉप रनवे है किसी पत्थर या पहाड़ी के ऊपर बने रनवे को टेबल टॉप रनवे कहते हैं।
टेबल टॉप रनवे भूगोल की वजह से एक या दो तरफ से किसी खड़ी चट्टान से सटे होते हैं। मतलब कि रनवे की एक या एक से ज्यादा तरफ ज्यादा ढलान होती है इससे पायलट के लिए चूक की गुंजाइश बहुत कम बच जाती है क्योंकि अगर फ्लाइट रनवे से आगे निकल गई तो क्रैश की पुरी संभावना होती है। आज हुई दुर्घटना भी इसी प्रकार की बताई जा रही है।
भारत में इस प्रकार के पांच हवाई अड्डे हैं। शिमला (हिमाचल प्रदेश) कालीकट (केरल) मैंगलोर (कर्नाटक) लैंगपुई (मिजोरम) और पाकयंग (सिक्किम)
इसी तरह की दुर्घटना केरल और बेंगलुरु के हवाई अड्डों पर भी हो चुकी है
22 मई 2010 में बैंगलोर हवाई अड्डे पर इस प्रकार की दुर्घटना से 158 यात्री मारे गए थे।
केरल के कालीकट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी 7 अगस्त 2020 को दुर्घटना हुई थी जिसमें 186 लोग सवार थे और 21 लोगों की मौत हो गई थी।
सूत्रों के मुताबिक इससे पहले जो पोखरा हादसा हुआ उसमें 72 लोगों की मौत हुई थी।
इसी तरह की दुर्घटना केरल और बेंगलुरु के हवाई अड्डों पर भी हो चुकी है
22 मई 2010 में बैंगलोर हवाई अड्डे पर इस प्रकार की दुर्घटना से 158 यात्री मारे गए थे।
केरल के कालीकट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी 7 अगस्त 2020 को दुर्घटना हुई थी जिसमें 186 लोग सवार थे और 21 लोगों की मौत हो गई थी।
सूत्रों के मुताबिक इससे पहले जो पोखरा हादसा हुआ उसमें 72 लोगों की मौत हुई थी।
रिकॉर्ड के अनुसार नेपाल में अब तक air crash से 914 जानें जा चुकी है।
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