प्रस्तावना
प्रतिवर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है विश्व में योग के महत्व और उसके लाभ के बारे में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाता है। 2014 में भारत के प्रधान मंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे 11 दिसंबर को यूनाइटेड नेशन (UN) द्वारा स्वीकार कर लिया। दुनिया भर में पहला योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया।
योग हमारे देश की परंपरा का एक अभिन्न हिस्सा है जिसे आज विश्व में मान्यता मिल चुकी है। लोग योग के महत्व को समझने लगे हैं। और अपने दैनिक जीवन में इसका अभ्यास कर खुद को फिट रखने का सफल प्रयास भी कर रहे है।
योग का अर्थ होता है जोड़ना अर्थात मन और शरीर को एक करने का प्रयास योग कहलाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वस्थ और संतुलित जीवन व्यतीत करने के लिए प्रेरित करना है।
योग करने से हमें मुख्य रूप से तीन प्रकार से लाभ होते है:
1.शारीरिक लाभ
2.मानसिक लाभ
3.आध्यात्मिक लाभ
2024 की थीम:
स्वयं और समाज के लिए योग (yog for self and socity) यह थीम विशेष रूप से इस बात के लिए हमारा ध्यान आकर्षित करती है कि किस प्रकार नियमित योग से हम अपने और समाज के जीवन को सुखद बना सकते हैं इस थीम का उद्देश्य समाज के लोगों को योग के लाभों के प्रति जागरूक करना और उन्हें अपने रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करना है।
नियमित रूप से करने वाले व्यायाम के अलावा कुछ कठिन योग और योगासन होते है, जिन्हें किसी योगाचार्य की निगरानी में ही किया जाना चाहिए ।
भारत में योग हमारी प्राचीन संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। योग एवं आसान के कई प्रकार और शाखाएँ हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना महत्व और लाभ है। कुछ प्रमुख नाम प्रकार इस प्रकार हैं:
योग
1.हठ योग
2.अष्टांग योग
3.कुंडलिनी योग
4.भक्ति योग
5.ज्ञान योग
6.कर्म योग
आसन
1.पद्धासन या कमलासन
2.सिद्धासन
3.सर्वांगासन
4.हलासन
5.पवनमुक्तासन
6.मत्स्यासन
7. भुजंगासन
8. धनुरासन
9. चक्रासन
10. कटिपिण्डमर्दनासन
11. अर्धमत्स्येंद्रासन
12. योगमुद्रासन
13. गोरक्षासन या भद्रासन
14. मयूरासन
15. वज्रासन
16. सुप्तवज्रासन
17. शवासन
18. पादपश्चिमोतासन
ध्यान (meditation) और प्राणायाम
ध्यान और प्राणायाम का अपना महत्व एवं लाभ है, दिन में कुछ समय निकाल कर ध्यान अवश्य करे । यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करेगा और आपको मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त करने में सहायता करेगा। ध्यान और प्राणायाम के अभ्यास से मन को शांति और स्थिरता मिलती है, जिससे हमारी एकाग्रता और स्मरण शक्ति में सुधार होता है।
निष्कर्ष
योग एवं ध्यान के माध्यम से हम अपना आध्यात्मिक शांति और आत्मसाक्षात्कार का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
आज के तनाव भरे माहौल में सरल व्यायाम से भी लाभ प्राप्त किया जा सकता है, सामूहिक रूप से कई जगह योग सिखाए जाते है। ध्यान और प्राणायाम योग भी मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है जिससे हमारी आध्यात्मिक और स्मरण शक्ति में अद्भुत बल मिलता है। योग के बारे में जितना लिखा जाए कम है । हर प्रकार का योग को समझने की विस्तृत श्रृंखला होती है। किसी श्रेष्ठ योगाचार्य के सानिध्य में इसे समझ कर शुरू करे। निश्चित ही लाभ होगा ।
शिव संहिता में बताया गया है कि शिव की आज्ञा से योगी गोरखनाथ ने जगत कल्याण हेतु उपरोक्त आसनों का प्रचार किया, जिससे मनुष्य जाति इन आसनों से असाध्य रोगों से मुक्ति पा सके।