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बेनामी

NEET (UG) 2024 की परीक्षा के रिजल्ट को लेकर विवाद जारी है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान परिणामों के आधार पर होने वाली काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि पूरे मामले में पारदर्शिता नहीं बरती गई. इस पर कोर्ट ने कहा कि हम National Testing Agency(NTA) से नोटिस जारी कर जवाब मांगते हैं और मामले की अगली सुनवाई जवाब आने के बाद 8 जुलाई को करेंगे. 

NTA एक autonomous organization जो Govt. Of India के  Educatinal Ministry के अंतर्गत आती है। यही संस्था देश भर में NEET के exam Conduct करवाती है।




(NEET) UG परीक्षा को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है.   परीक्षा फिर से कराने की मांग को लेकर देश के अलग-अलग शहरों में स्टूडेंट्स और उनके अभिभावक लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

कुछ अभिभावक इस साल हुई NEET परीक्षा को रद्द करने और फिर से इसका आयोजन कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा रद्द करने से इनकार कर दिया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में लापरवाही बरतने पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से जवाब मांगा है.

और कहा है.... SANCITY OF EXAM AFFECTED....need Answers  विपक्षी नेताओं के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी बहुत सारे लोगों ने इस परीक्षा धांधली के खिलाफ आवाज उठाई है।  चारों तरफ से दबाव के बाद Education Ministry ने 4 मैंबर कमेटी बनाई है लेकिन छात्र और उनके अभिभावक परीक्षा रद्द कराने की मांग पर अड़े हैं। इस मांग को लेकर 41000 छात्र सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन साइन कर चुके हैं। लेकिन आश्चर्य की बात है, अभी अभी बने हमारे देश के Education Minister धर्मेंद्र प्रधान ने इस विषय पर एक ट्वीट भी नही किया,  लोगो में नाराजगी इस बात पर भी है कि रिजल्ट के बाद चलने वाली प्रक्रिया पर रोक भी नही लगाई है। इतनी खर्चीली पढ़ाई और कड़ी मेहनत के बाद छात्र और छात्राएं खुद को ठगा हुआ  महसूस कर रहे है, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाली NTA के खिलाफ लोगों में भयंकर आक्रोश है। 


अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी. लेकिन तब तक काउंसलिंग चालु रहेगी। अगर एडमिशन हो जाते है, जो कोर्ट में छात्र गए है..उनका क्या होगा ?



आइए विस्तार से समझते हैं... NEET - UG और उससे जुड़े विवाद को


NEET UG National Eligibility Cum Entrance Test (UnderGraduate) 


देश का ऐसा इकलौता Under Graduate Exam जो  Medical,  Dental और Ayush courses के लिए conduct की जाती है। इसको 2013 में प्रारंभ करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी लेकिन कई स्टेट जैसे आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात,वेस्ट बंगाल आदि राज्यों द्वारा इसका विरोध किया गया जिसके कारण 2016 में पहला नीट एग्जाम शुरू हो सका।  इसके पहले मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए AIPMT (All India Pre Medical Test)  होता था। 



4 मई को हुए NEET एग्जाम को लेकर पूरे देश में हल्ला हो रहा है। हमारे देश में वैसे ही students पर बहुत प्रेशर रहता है। देश में अच्छे सरकारी schools व colleges की कमी है ।  Colleges में सीटों की सख्त कमी है, अत्यधिक पढ़ाई खर्चे और कड़ी मेहनत के साथ-साथ स्टूडेंट्स यह भी expect करता है कि उसे उसकी मेहनत का Fair Result  मिलेगा। उसे और उसके माता-पिता को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता रहती है। हमारे देश में वैसे ही competition बहुत tough है। उसके बाद नीट के जरिए जो एग्जाम कंडक्ट कराए गए हैं वह भी ढंग से नहीं कराए गए हैं तो छात्र अपने भविष्य की क्या उम्मीद रखे?  कुछ सालों से हमारे देश में पेपर लीक होना जैसे एक आम बात हो गई।  पिछले ही महीने NEET UG की 5 मई 2024 की exam हो जाने के बाद पटना (बिहार) पुलिस ने 13 लोगों को पेपर लीक होने के एग्जाम में गिरफ्तार किया गया था। यह लोग 30 से 50 लाख पेपर लीक करने के चार्ज कर रहे थे।  गुजरात में भी एक एजुकेशनल कंसल्टेंसी के मालिक और बीजेपी के नेता मिलकर पेपर में मदद करने के लिए स्टूडेंट से 10 लाख की मांग कर रहे थे। दुर्भाग्य से पेपर लीक होना भारत में एक आम बात हो गई है।




The Indian Express  ने अपनी खबर में बताया है कि पिछले सालों में 41 अलग-अलग

Exams के पेपर लीक हुए हैं। जिसके कारण 15 राज्यों के 1.4 करोड़ नौकरी ढूंढने वाले प्रभावित हुए हैं। हर बार पेपर लीक होने के बाद प्रोटेस्ट होते हैं, प्रदर्शन धरने होते हैं, हल्ला होता है, लेकिन इस तरह इस बार जब 4 जून को जब NEET UG के रिजल्ट घोषित हुए तो बहुत अनियमितताएं और चौंकाने वाले खुलासे हुए।  एक बड़े स्तर पर नीट के एग्जाम और रिजल्ट में धांधली हुई है, छात्रों के साथ धोखा हुआ है जिससे पुरे देश में आक्रोश है और लोग सरकार से इस विषय पर अपना स्टेटमेंट देने के लिए प्रोटेस्ट कर रहे हैं ।


आईए जानते हैं NEET UG पर पूरे देश में इतना हल्ला मचने का असली विवाद क्या है ?  


9 फरवरी को इस एग्जाम की रजिस्ट्रेशन करने की तारीख घोषित हुई थी और परीक्षा forms भरने की अंतिम  तारीख 9 मार्च तक यानी एक महीने तक की समय सीमा तय की गई थी।  परंतु 9 मार्च को इसे एक हफ्ते के लिए और बढ़ा दिया गया ।   Registration link खोलने के बाद कुछ stake holders की रिक्वेस्टपर 15 अप्रैल तक बढ़ाया गया इसके बाद 5 May, 2024 को नीट का एग्जाम कंडक्ट कराया जाता है।   इसी बीच गुजरात, बिहार आदि कई अलग अलग राज्यों से पेपर लीक होने की खबरें भी आती है, जिसकी NTA में शिकायत होती है, लेकिन कोई कायवाही नहीं होती।

4जून को लोकसभा election 24 के रिजल्ट के दिन ही एग्जाम का रिजल्ट भी घोषित होता है, सवाल उठता है कि क्या कोई साजिश को छिपाने के लिए ऐसा किया गया? 

 


NEET UG एग्जाम के रिजल्ट की मजेदार आश्चर्य जनक कहानी यह है इसमें 67 students 720/720 number's से टॉप Rank पाते है।  3 घंटे 20 मिनट में होने वाले इस एग्जाम में 4 subjects...Physics, Chemistry, Zoology, Botany पर सवाल पूछे जाते हैं, 50 सवालों में से 45 सवाल करने होते हैं, जिससे जिसमें सही जवाब पर  +4 और गलत जवाब पर -1 Marking  होती है जिसमें maximum marks 720 है।  4 जून को परिणाम हुए इस रिजल्ट में रिकॉर्ड 67 students को 720 में से 720 अंक मिले हैं, यह बहुत ही अचंभित करने वाली बात है जहां पिछले से पिछले कई सालों का रिकॉर्ड देखते हैं तो मुश्किल से दो-तीन छात्र highest score  प्राप्त कर पाते हैं और यहां अचानक 67 स्टूडेंट को फुल मार्क्स मिल जाते हैं, सबके लिए यह वह चौंकाने वाला परिणाम है जिस पर यकीन कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा है। कुछ स्टूडेंट्स को loss of Time को आधार बना कर ग्रेस मार्क्स दे दिए हैं, NTA का यह लॉजिक भी कुछ अजीब लगता है। इस वजह से कुछ छात्रों के 718, 719 मार्क्स तक आए हैं। 67 स्टूडेंट के टॉप रैंक पर नाम आने पर NTA ने कहा है कि इस साल बहुत easy paper था, जबकि बाहर छात्रों ने कहा कि पेपर बहुत कठिन था।

कई छात्रों के मार्क्स में भी अंतर पाया गया। 


4 जून को जब सारा मीडिया इलेक्शन 2024 के नतीजे में मशगूल था तभी इस रिजल्ट को घोषित किया गया, ताकि 4 6 दिनों तक चुनावी चर्चा में शोरगुल को छुपाया जा सके। 




NEET का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है और सुप्रीम कोर्ट ने NTA से जवाब मांगा है।  विपक्षी नेताओं के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी बहुत सारे लोगों ने इस प्रकार की परीक्षा कराए जाने के खिलाफ आवाज उठाई है। चारों ओर से दबाव के बाद एजुकेशन मिनिस्ट्री में 4 मेंबर्स की एग्जाम्स कमेटी बनाई है लेकिन छात्रों व अभिभावकों की मांग है की परीक्षा को रद्द कराकर फिर से एग्जाम कराई जाए। 41000 छात्र सुप्रीम कोर्ट को फिर से एग्जाम की मांग लेकर पिटीशन साइन कर चुके हैं। गौरतलब है कि इतना हल्ला होने के बाद भी अभी तक  एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने इस विषय पर कोई ट्वीट तक नहीं किया है।


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