Kanchanjunga Express Accident

बेनामी

 

बंगाल रेल हादसे को लेकर क्या बोली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी: 




पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने  घायलों से मुलाकात की और इस रेल हादसे पर अपना दुख जताते हुए कहा: 


"जब मैं रेल मंत्री थी तब मैं इस प्रकार की दो-तीन रेल दुर्घटनाएं देखी तो मैं सुनिश्चित किया की टक्कर रोधी उपकरण तैयार हो, और उसे चालू किया जाए। मैने उसे शुरू किया उसके बाद ट्रेनों की टक्कर रुक गई। आज रेलवे में क्या हो रहा है ? कोई नहीं जानता ? मैं रेलवे के बारे में सब जानती हु, कुछ भी नया काम नही किया गया। रेल बजट को भी खत्म कर दिया है। इस विभाग को अब पर्याप्त महत्व नहीं मिल रहा। नई मेट्रो और रेलवे स्टेशन मेरी ही देन है। मेरे टाइम मैने हर चीज के लिए पैसा दिया। मेरा 2020 का विजन देखिए।" 


रेलवे का सुरक्षित सफर अब चुनौती पूर्ण होता जा रहा है पश्चिम बंगाल में सोमवार की सुबह हुए हादसे में रेलवे की सुरक्षा प्रणाली को लेकर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं


पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी से करीब 30 किलोमीटर दूर सोमवार सुबह 9 बजे के करीब रंगा पानी स्टेशन पर खड़ी अगरतला से सियालदेह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस ( Kanchanjunga Express)

को एक मालगाड़ी ने सिग्नल तोड़कर पीछे से टक्कर मार दी टक्कर इतनी जबर्दस्ती थी कि एक्सप्रेस ट्रेन की बोगियां मालगाड़ी के इंजन के ऊपर चढ़ गए एक बोगी आधी लटक गई।  इस हादसे में करीब नौ लोगों की मौत हो गई और 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए,  कई यात्री डब्बों में फंस गए। इन्हें निकालने के लिए राहत कार्य लगभग पूरा हो गया है । कई घायलों की हालत गंभीर है। घायलों की संख्या बढ़ने की आशंका है।  रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव दुर्घटना स्थल पर पहुंचे उन्होंने बताया कि हादसा पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे जोन में हुआ।  कंचनजंगा एक्सप्रेस  रंगा पानी स्टेशन पर खड़ी थी, पीछे से मालगाड़ी की भिड़ंत के बाद इसकी गार्ड बोगी वह एसएलआर के साथ जनरल बोगी भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।  कई कोच पटरी से उतर गए रेलवे एनडीआरएफ (NDRF)और टीआरएफ (TRF) की टीम ने बचाव और राहत अभियान चलाया, इलाके में हो रही बारिश से रेस्क्यू में बाधा पहुंची। घायलों को पास के अस्पताल पहुंचाया गया।


हादसे की वजह तो जांच में सामने आएगी लेकिन प्रारंभिक तौर पर इसकी वजह सिग्नल की खामी और मानवीय भूल को माना जा रहा है।  


इसमें कोई संदेह नहीं है कि पिछले सालों में रेलवे ने हादसों की रोकथाम के इरादों से कई तकनीकी प्रबंधन भी किए हैं, उसके बावजूद भी ट्रेन एक्सीडेंट की घटनाएं होना चिंताजनक है।  बुलेट ट्रेन के युग में जाने की तैयारी करने के बावजूद ट्रेनों के सफर को सुरक्षित बनाने की दिशा में अभी बहुत सोचना बाकी है।


आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा: 


"आज फिर पश्चिम बंगाल में रेल दुर्घटना हुई है, मैं उम्मीद करता हूं, घायलों का इलाज हो, मैं हमारे देश के प्रधानमंत्री और हमारे रेल मंत्री से पूछना चाहता हूं, देश में इस प्रकार दुर्घटना कब तक होती रहेगी। एक तरफ आप बुलेट ट्रेन की बात करते हैं और दूसरी तरफ आप सामान्य यात्री की ट्रेनों में सुरक्षा भी नहीं कर पाते"

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