भारत में लोकसभा चुनाव 2024:
इस वर्ष भारतीय लोकसभा 2024 का चुनाव बहुत ही अहम है, अहम इसलिए कि जिस प्रकार 1975 में इंदिरा गांधी की इमरजेंसी के खिलाफ सारी विपक्ष पार्टी इकट्ठी हो गई थी, उसी प्रकार 10 वर्षों से सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी को भी सत्ता से हटाने के लिए सभी विपक्षी पार्टी एकजुट हो गई है, फर्क बस ये है कि उस वक्त घोषित imergengecy थी और वर्तमान में अघोषित इमरजेंसी है, ऐसा सारे विपक्षी दलों का कहना है।
सभी विपक्षी पार्टियों ने INDIA भारतीय राष्ट्रीय विकासशील समावेशी गठबंधन (Indian National Developmental Inclusive Alliance) गठबंधन बनाया है।
ये प्रमुख विपक्षी पार्टियां है, कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, (CPI(M),बहुजन समाज पार्टी(बसपा), नेशनल पीपुल्स पार्टी,आम आदमी पार्टी(AAP) इसके अतिरिक्त समाजवादी पार्टी, शिवसेना, (IInd) , NCP (IInd) आदि 41 पार्टियां इस गठबंधन में शामिल है।
विपक्षी पार्टियों का गठबंधन 41 राजनीतिक दलों का एक बहुदलीय राजनीतिक गठबंधन है, जबकि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला NDA ( राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन) National Democratic Alliance में 38 दल शामिल है। लेकिन ट्रैक रिकॉर्ड के हिसाब से NDA की 9 पार्टियों ने 2019 में चुनाव नहीं लड़ा था, वहीं 16 दलों को पिछले आम चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली। 7 पार्टियों को केवल एक सीट ही प्राप्त हुई। भाजपा के नेतृत्व वाली NDA सरकार पिछले दो टर्म से केंद्र में अकेले दम पर ही सत्ता पर काबिज है, अतः एनडीए का गठबंधन सिर्फ गठबंधन कहने मात्र को है क्योंकि केंद्र सरकार में इनके हिस्सेदारी प्रतीत नहीं होती, परंतु राज्यों में एनडीए की साकार allaince के साथ बनी हुई है।
NDA के कुछ प्रमुख घटक दलों के नाम जिसकी राज्यों में सरकार है :
(AIDMK) अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम
शिवसेना (एकनाथ शिंदे)
(NCP)राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार)
Republican party of India (अठावले)
(JJP) जननायक जनता पार्टी
लोक जनशक्ति पार्टी चिराग लोजपा
शिरोमणि अकाली दल संयुक्त SADS
आईए, हम जानते हैं कि भारत के 28 राज्यों और 9 केंद्र शासित प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के कुल कितने और अन्य पार्टियों की सत्ता कुल कितने राज्यों में हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पास 17 राज्य हैं, जिनमें 12 राज्यों में बीजेपी ने स्वयं के दम पर बहुमत से सरकार बनाई है..
ये राज्य है..
उत्तरप्रदेश
मध्यप्रदेश
छत्तीसगढ़
राजस्थान
हरियाणा
गुजरात
उत्तराखंड
अरुणाचल प्रदेश
मणिपुर
त्रिपुरा
गोवा
आसाम
5 राज्य/केंद्र शासित राज्यों में क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर सरकार को समर्थन दिया है..
वो है..
बिहार
महाराष्ट्र
नागालैंड
मेघालय
सिक्किम
कांग्रेस(Congress) के पास 3 राज्य हैं
हिमाचल
कर्नाटक और
तेलंगाना
आम आदमी पार्टी (AAP) के पास दो राज्य हैं..
पंजाब और
केंद्र शासित राज्य दिल्ली।
दो राज्यों में सरकार बनने के बाद आम आदमी पार्टी(AAP) भारत की तीसरी राष्ट्रीय पार्टी बन गई है।
विपक्षी पार्टियों के आरोप रहे हैं कि भाजपा ने बिहार, महाराष्ट्र और अन्य कई राज्यों में तोड़ फोड़ की राजनीति कर,अन्य राजनीतिक दलों के सारे विधायको सांसदों पर दबाव बनाकर राज्यों में अपनी सरकार बना ली है।
भारत में लोकसभा की कुल 543 सीटों पर चुनाव हो रहा है 18वीं लोकसभा के चुनाव सात चरण में होंगे, जो 19 अप्रैल 2024 से शुरू होकर 1 जून 2024 को समाप्त होंगे और चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे
भारत के इस चुनाव में 9.7 करोड़ से भी अधिक मतदाताओं के नाम सूची में है जिसमें
49.7 पुरुष मतदाता और
47.1 करोड़ महिलाएं मतदाता है
10.5 लाख मतदान केंद्र पर वोट डाले जाएंगे।
भारत के लोकसभा चुनाव में हर राज्य व केंद्र शासित राज्य को निर्धारित संख्या में सीटे आवंटित की जाती है, जो उस क्षेत्र की जनसंख्या पर आधारित होती है।
यहां हम भारत के कुछ प्रमुख राज्यों की सीटों और उनके महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डालेंगे।
उत्तर प्रदेश (80 सीटे)
भाजपा का गढ़: 2014 में भाजपा ने 71, और 2019 में यहां से 62 सीटे जीती थी।
विपक्षी पार्टी: समाजवादी पार्टी (सपा) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस(Cong.) प्रमुख विपक्षी पार्टी है।
महत्वपूर्ण मुद्दे: भाजपा(BJP) के धर्म का ध्रुवीकरण उत्तर प्रदेश से ही शुरू हुआ जिसमें राम मंदिर को मुख्य मुद्दा बनाया गया जिसके आगे अन्य मुद्दे कमतर साबित हो गए। जातिगत समीकरण को भी भारतीय राजनीति में एक विशेष मुद्दा बनाया जाता है ताकि राजनीतिक दल इसका फायदा वोट प्राप्त करने में कर सके, इसलिए जातीय जनगणना का मुद्दा 2024 में मुख्य मुद्दा है।
चूंकि उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है अतः कानून व्यवस्था व विकास के मुद्दे पर भी पहले चुनाव लड़ा गया लेकिन 2019 में भाजपा द्वारा धार्मिक ध्रुवीकरण और राष्ट्रवाद के मुद्दे के सामने विपक्षियों के विकास के मुद्दे हार गए।
भाजपा ने राम मंदिर और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर 2019 का चुनाव लड़ा और बहुमत हासिल किया।
महाराष्ट्र (48 सीटे)
2019 में (भाजपा + शिवसेना) ने 41 सीटे जीती थी, लेकिन अब शिवसेना का विभाजन हो गया है प्रमुख शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे( मुख्यमंत्री,महाराष्ट्र) की जगह एकनाथ शिंदे वर्तमान शिवसेना नायक बनकर मुख्यमंत्री बन गए हैं। यहां भी विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि नेताओं पर दबाव बनाकर भाजपा क्षेत्रीय दलों को राज्यों में कमजोर कर रही है ताकि हर राज्य में भारतीय जनता पार्टी अपना वर्चस्व कायम कर सके।
विपक्षी पार्टी: (एनसीपी और कांग्रेस) एनसीपी के भी विभाजन होने के बाद शिवसेना, एनसीपी, महाविकास अगाड़ी और कांग्रेस पार्टी यह सब इंडिया गठबंधन(INDIA Alliance) से जुड़कर भाजपा(बीजेपी) को महाराष्ट्र में कड़ी चुनौती दे रहे हैं।
महत्वपूर्ण मुद्दे: शहरी विकास, किसान आत्महत्या,मराठा आंदोलन और कृषि संकट महाराष्ट्र के प्रमुख मुद्दे हैं ।
पश्चिम बंगाल (42 सीटे)
तृणमूल कांग्रेस (TMC) का गढ़: ममता बनर्जी के नेतृत्व में 2019 में TMC ने 22 सीटें जीती थीं और भाजपा ने 18 सीटें जीती और पहली बार टीएमसी की मुख्य विरोधी पार्टी बन कर उभरी। हालाकि चुनाव के समय राजनितिक साजिशो, हिंसा का दौर भी खूब चला।
महत्वपूर्ण मुद्दे: (CAA), (NRC), और बांग्लादेशी प्रवास।
बिहार (40 सीटें)
NDA गठबंधन (बीजेपी+ जेडीयू): 2019 में बिहार में 39 सीटें जीती थीं।
विपक्षी पार्टी:राजद-कांग्रेस गठबंधन: महागठबंधन के रूप में प्रमुख विपक्षी पार्टी ।
महत्वपूर्ण मुद्दे: जातिगत समीकरण, बेरोजगारी, और विकास।
तमिलनाडु (39 सीटें)
DMK का गढ़: 2019 में DMK ने 38 सीटें जीती थीं।
AIADMK: प्रमुख विपक्षी पार्टी।
महत्वपूर्ण मुद्दे: भाषा और सांस्कृतिक मुद्दे, जल संसाधन।
हम पूरे देश के मुख्य मुद्दों की बात करें तो सभी विपक्षी पार्टी देश और संविधान को बचाने को लेकर एक जुट हुई है। परिस्थिति कुछ ऐसी बनी है, कि सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया जाता है, लेकिन कार्यवाही सिर्फ विपक्षी पार्टियों के नेताओं पर की जाती है, कइयों ने दबाव के चलते BJP को ज्वाइन कर लिया है। सभी नेता एक होकर सत्तारूढ़ मोदी सरकार को कड़ी टक्कर दे रहे है। इस बार NDA और INDIA Alliance के बीच 2024 लोकसभा आम चुनाव में कड़ा मुकाबला चल रहा है।
सरकार की कई नीतियां व फैसलों से लोगों में आक्रोश है। महंगाई व बेरोजगारी से त्रस्त जनता भी विपक्ष की पार्टियों के साथ खड़ी दिखाई दे रही है। युवा बेरोजगारों, किसान, ओल्ड पेंशन स्कीम, अग्नि वीर योजनाओ के विरोध में सरकार के खिलाफ सड़क पर कई आंदोलन व प्रदर्शन हो चुके हैं जिन्हें बलपूर्वक दबा दिया गया है।
संसद में कई ऐसे कानून पास किए गए जिनसे राज्यों की सरकारों की शक्तियां कम की जाए। विपक्षी नेताओं व मुख्यमंत्री को झूठे केसों में जेल में डाल दिया गया।सरकारी मशीनरी व संस्थाओं का दुरुपयोग भी बेतहाशा तरीके से किया गया। विपक्ष का आरोप है कि राज्य की सरकारों को गिराने में सरकारी एजेंसियों का उपयोग किया गया।
विपक्षी पार्टियां देश के संसाधनों को खास कॉरपोरेट को बेचने का आरोप भी सत्ता पक्ष पर लगाती है। प्राइवेटाइजेशन के नाम पर और घाटा दिखाकर कई सरकारी कंपनियों को बेच दिया गया। प्रशासन तंत्र को सरकार अपने फायदे अनुसार काम में ले रही है।विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि देश को बचाना है तो हमें मिलकर इस सरकार को चुनौती देनी होगी।
इस दौरान चुनाव प्रणाली पर भी कई सवाल उठे, EVM हटाओ देश बचाओ अभियान भी देश चल रहा है।
Voting percentage विवाद को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, कुल मिलाकर यही सारी परिस्थितियां 2024 के लोकसभा चुनाव को कई दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनाती है। विपक्षी पार्टियों का मानना है कि इंडिया गठबंधन चुनावी फैसले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।