COVID-19 Vaccine: You must Need to Know

बेनामी


COVID-19 वैक्सीन के गंभीर साइड इफैक्ट्स 


परिचय 


COVID-19 महामारी ने सारी दुनिया को प्रभावित किया है इससे बचाव के लिए आपातकालीन सुरक्षा संक्रमण टीका इजाद किया गया।  कोरोना जैसी गंभीर बीमारी से सुरक्षा प्रदान करने के लिए COVID-19 के कई प्रकार के वैक्सीन उपलब्ध कराए गए थे जो 


प्रोटीन आधारित, 

वायरल वेक्टर,

आर एन ए और डीएनए टीके है।


कॉविड-19 वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स का अनुभव हर किसी को नहीं होगा, ज्यादातर साइट इफेक्ट कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाते हैं। सामान्य प्रतिक्रिया पर आप अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पीकर व जरूरत पड़ने पर दर्द और बुखार को नियंत्रित करने के लिए साधारण दवाई लेकर भी साइड इफेक्ट्स को मैनेज कर सकते हैं। यह व्यक्ति की इम्युनिटी पर निर्भर करता है कि उसके अंदर कितनी रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति है। 


COVID-19 वैक्सीन के ज्यादा गंभीर या लंबे टाइम तक चलने वाले साइड इफेक्ट भी संभव है लेकिन यह कम होते हैं एवं तुरंत पता लगाना कठिन है।  स्वास्थ्य अधिकारी इन दुर्लभ इनफैक्ट इफेक्ट्स को पता लगाने और प्रतिकूल घटनाओं का जवाब देने के लिए वैक्सीन की निगरानी करते हैं । क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर WHO  वैक्सीन सुरक्षा की निगरानी करने का देशों  को समर्थन व निर्देश भी करता है।


COVID-19 महामारी से बचाव के लिए एक और प्रमुख वैक्सीन भी विकसित की गई जिसे कोवैक्सीन कहा गया। 


हम इस ब्लॉग में COVID-19 के लक्षणों, कोविशील्ड और कोवैक्सीन के संभावित साइड इफेक्ट्स पर बात करेंगे। 


COVID-19 और कोवैक्सीन दोनों ही टिकों के गंभीर साइड इफेक्ट्स दुर्लभ कहे गए है। 

 लेकिन कोवैक्सीन और कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स को लेकर लोगों के मन में कई सवाल व आशंकाएं हैं कुछ तथ्य भी सामने आए हैं जिससे प्रश्न उठना बहुत लाजिमी है वैक्सीन के बाद कुछ लोग बेहद सामान्य साइड इफेक्ट से प्रभावित होते हैं जो आमतौर पर हल्के और अस्थाई होते हैं, जैसे


बाहों में दर्द या सूजन: यह सबसे सामान्य प्रतिक्रिया है। 


बुखार: साधारण बुखार होना भी इस बात का संकेत है कि शरीर इम्यून की प्रतिक्रिया दे रहा है। 


थकान: कुछ लोगों को टीका लगाने के बाद थकान महसूस हो सकती है। 


सिरदर्द: हल्का सर दर्द भी सामान्य साइड इफेक्ट्स में से एक है। 


मांसपेशियों में दर्द: कुछ लोगों को मांसपेशियां या जोड़ों में दर्द हो सकता है। 


गंभीर साइड इफेक्ट्स के बारे में जागरूक होना जरूरी है।


एनेफिलेक्सिस: एक गंभीर एलर्जिक प्रतिक्रिया है। 

मायोकार्डिटिस और पेरिकार्डाइटिस: हृदय से संबंधित सूजन विशेष रूप से युवा पुरुषों में 


ब्रिटिश कंपनी एस्ट्रेजनेका ने कोर्ट में साइड इफेक्ट की बात कबूल करने के बाद दुनिया भर से अपनी वैक्सीन को वापस लेने का फैसला किया है। एस्ट्रेजनेका को UK में सामूहिक मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि उसके तक के कारण मौते हुई है। एस्ट्रेजनेका के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए। 

एस्ट्राजेनेका ने अदालत में स्वीकार किया कि बहुत दुर्लभ मामले में टी टी एस (थ्रांबोसिस विद थ्रांबोसाइटोपेनिया सिंड्रोम) साइड इफेक्ट्स का कारण बन सकता है। कोरोना महामारी के दौरान एस्ट्रेजनेका ने माना कि कोविशिल्ड वैक्सीन से लोगों को रेयर साइड इफेक्ट हो सकते हैं।


हेल्थ कनाडा की एक रिपोर्ट ने भी  खुलासा किया है कि फाइजर के कोरोना टिके में कैंसर वाला वायरस भी पाया गया है। कॉविड वैक्सीन और इसके दुर्लभ दुष्प्रभाव के संबंध में एक बड़ी अपडेट सामने आई है जिस पर कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं और विश्व में बहस छिड़ी हुई है। 


मिथक और तथ्य 


वैक्सीन के बारे में कई मिथक और तरह-तरह की भ्रांतियां हैं जिस पर शोध व चर्चा पूरी दुनिया में चल रही है यहां कुछ सामान्य मिथक का खंडन किया गया है


मिथक: वैक्सीन से COVID-19 हो सकता है। वैक्सीन से कैंसर हो सकता है।वैक्सीन से दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है।

यहां हम किसी भी मिथक का समर्थन नहीं करते ।


तथ्य:


वैक्सीन के दीर्घकालिक प्रभावों का लगातार अध्ययन व शोध हो रहा है अब तक के डेटा से कोई दीर्घकालिक गंभीर प्रभाव नहीं दिखा है।


COVID-19 और कोवैक्सीन के टिके की सही जानकारी और समझ के साथ हम वैक्सीन के प्रति अपनी चिंताओं को कम कर सकते हैं।  सामान्य लक्षणों को छोड़कर यदि कोई गंभीर लक्षण जैसे सांस की तकलीफ और सीने में दर्द महसूस हो तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें। 


सरकारी अधिकारियों निर्माता को प्रतिकूल घटनाओं की रिपोर्ट करना उपयोगी है ताकि वह साइड इफेक्ट्स के मूल कारण का पता लगाकर डाटा एकत्रित कर सके। 


ब्रिटिश कंपनी एस्ट्रेजनेका ने कोर्ट में साइट इफेक्ट की बात कबूल करने के बाद अपनी वैक्सीन को वापस लेने का फैसला किया है। एस्ट्रेजेनिक का के इस कदम के बाद भारतीय कंपनी सिरम इंस्टीट्यूट ने भी कोविशील्ड  वैक्सीन को लेकर अपडेट दिया है, कंपनी ने खुलासा किया है कि उसने दिसंबर 21 से वैक्सीन का उत्पादन व आपूर्ति बंद कर दी है। 


सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया ने यह स्वीकार किया है कि उसने एस्ट्रेजने के साथ COVID-19 टीके को विकसित करने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी की थी इन टिकों को भारत में "कोविशील्ड" और यूरोप में "वैक्स जेवरिया" के नाम से बेचा गया।

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