भारतीय जनता पार्टी (BJP) का जन्म और उसका भारत की राजनीति पर प्रभाव
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भारत की सबसे प्रभावशाली और दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। 2014 में मोदी सरकार आने के बाद देश के राजनीतिक परिदृश्य और पार्टी के भी मौलिक रूप और सरंचना में परिवर्तन देखने को मिलता है से। पार्टी की मूल विचारधारा, रणनीति, संघटन, समर्पण और करिश्माई नेतृत्व ने बीजेपी की यात्रा को आज की तारीख में एक सफल और शीर्ष पार्टी बना दिया है।
बीजेपी को आरंभ में चुनावों में मामूली सफलता मिली थी। आडवाणी के रथ यात्रा और बाबरी मस्जिद ढहाने की रणनीति के बाद बीजेपी भारतीय राजनीति में फ्रंट पर आ गई, पार्टी को इस आंदोलन के बाद जनता का अपार समर्थन मिलने लगा।
1990 के दशक में अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में पार्टी की किस्मत बदलने लगी। अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण की वकालत करने वाले राम जन्मभूमि आंदोलन ने बीजेपी की प्रोफाइल और समर्थन आधार को काफी बढ़ा दिया।
राम मंदिर, हिंदू धर्म और हिंदुत्व का मुद्दा भारतीय जनता पार्टी का मुख्य मुद्दा रहा है। इसी मुद्दे पर बीजेपी ने जनता की कमज़ोर नस को पकड़ कर रखा है।
हिंदुत्व के मुद्दे को पकड़ कर रखने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा का मजबूत संघटन सहायक रहा और भारतीय संस्कृति को परिभाषित करने में प्रयासरत रहा । भारत के विभिन्न समाज में इसका समर्थन और विरोध दोनों करने वाले पक्ष है।
भारतीय जनता पार्टी बीजेपी की शासन नीति वाजपेई और आडवाणी युग में
बीजेपी के दो बड़े व्यक्तित्व भारतीय जनता पार्टी के आधार स्तंभ माने जाते हैं वो है, लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेई जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी को एक नई ऊंचाई प्रदान की। वाजपेई जी के प्रधानमंत्री काल में (1998 2004) पार्टी को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शक्ति के रूप में पहचान प्राप्त हुई। वाजपेई एक प्रखर व्यक्तित्व थे वे अपने उच्च दृष्टिकोण व उच्च भाषा शैली और वक्तव्य कौशल के लिए जाने जाते थे। वाजपेई ने नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) गठबंधन की सरकार बनाई।
उनके कार्यकाल में आर्थिक नीति में उदारीकरण, शहरी ग्रामीण विकास परियोजनाओं पर काम हुआ। पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में भी सुधार के प्रयास हुए, उनका कहना था कि पड़ोसी देशों से दुश्मनी कर हम अपना विकास नहीं कर सकते।
हम अपना इतिहास बदल सकते हैं लेकिन भूगोल नहीं, संसद में अटल बिहारी वाजपेई ने ये वक्तव्य दिया था।
2004 में बीजेपी को कांग्रेस ने हरा दिया। इंडिया शाइनिंग का नारा जनता ने नकार दिया।
मोदी लहर व मजबूत नेतृत्व
(2014 से 2024) वर्तमान में भाजपा के नेतृत्व को मोदी युग कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। 15 वर्ष तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे श्री नरेंद्र मोदी 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बने। मोदी ने अच्छे दिन का वादा कर मतदाताओं के एक बहुत बड़े वर्ग को पार्टी को वोट देने करने के लिए आकर्षित किया।
अच्छे दिन के साथ-साथ मोदी ने हिंदू और हिंदू के एजेंडा को भी बरकरार रखा। 370, तीन तलाक, राम मंदिर, जीएसटी, नोटबंदी, (NRC) नागरिकता संशोधन अधिनियम,(CAA) प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी, छोटे बड़े कई फैसलों से भारत की जनता को सम्मोहित रखा।
विपक्षी पार्टियों का तर्क है कि पार्टी ने देश को हिंदू मुस्लिम की राजनीति कर एक वर्ग को उकसाने का प्रयास किया है। NRC कानून का भी व्यापक रूप से विरोध व आलोचनाएं हुई जिसमें अल्पसंख्यक समुदायों विशेष रूप से मुसलमानों के लिए चिंता बढ़ा दी।
तीन कृषि कानून के विरोध में किसानों ने भी व्यापक आंदोलन किया जिसमें 700 के करीब किस मारे गए अनंत: 1 साल बाद मोदी सरकार को तीन कृषि कानून वापस लेना पड़ा।
PMLA कानून के तहत विरोधी नेताओं को जेल में डाला गया, जिसका सर्वत्र विरोध हो रहा है।
पार्टी पर मीडिया और सरकारी एजेंसियों, को भी अपने लाभ के लिए उपयोग करने के आरोप हैं। विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए सत्ता बल का प्रयोग किया जाता रहा है।
विपक्षी दलों का कहना है कि मोदी शासन में लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर हुई है अतः संविधान और देश को बचाने के लिए सभी विपक्ष पार्टियां एक साथ INDIA Alliance में लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा सरकार को चुनौती दे रही है।
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India General Elections:2024 की जानकारी के लिए: https://www.khabrelive.com/2024/05/indian-general-election-2024.html?m=1
निष्कर्ष:
अंत में, एक बहुत बड़े संगठन और प्रमुख शक्ति के रूप में उभरी भारतीय जनता पार्टी को भारत के संविधान की मूल भावना की रक्षा करते हुए लोकतांत्रिक अखंडता को बचाए रखना होगा, क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है यही दृष्टिकोण सुनिश्चित करते हुए पार्टी को देश के विकास लक्ष्यो, लोकतांत्रिक अखंडता और प्रभुता को कायम रख नागरिकों को लाभान्वित करना होगा।